Friday, February 6, 2009

आहट



नधी है, और पहाड़ भी,
शाम है, और सुबह भी,
चाँद है, और सितारे भी,
हवा है, और धूप भी।

सुहाना मौसम है।

आहट है, आंसू भी है,
ग़म है, और धुक भी है,

डर है, और घुस्सा भी है,
मुज्मे जो भी है, अधुरा है।

हम तो बस अखेले है।


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