Tuesday, March 10, 2009

दिल कि मोबाइल मैं तुम सिम हो...........................

दिल कुशी से VIBRATE होता है,

बातों के करंट से LIFE कि BATTERY चार्ज होता है,

आँगन की angadayiya vuda देती हो,

akhelapan को धूर करती हो।



कुशी, अपनापन, दिल कि बातें, सब लाती हो,

इस सुंदर दुनिया मैं अपना कोई मिलवाती हो,
जो भी मिलता है, बस वजह तो तुम हो,
कुशियों कि पहाड़ के, रास्ते तुम हो।


सबके जिंदगी मैं इतना कुशो तो लाती हो,
मगर अपना कुछ नही रखती हो,
अखेला होकर भी, सब का अपना होती हो,
अंधर कि दर्द को बदल कर, गजब का RINGTONE सुनती हो।



यह क्या मालुम लोगों को, जो तुम्हे USE करते है,

वुनको सिर्फ़ MOBILE से वास्ता है,

कही काम नही करो तो बदल देते है,
सोच थे है, इसकी भी क्या KEEMAT है?


दिन और रात सोती भी नही हो,

बस अपना काम मैं जुटी होती हो,

तुम ख़ुद अपने बारे मैं कुछ नही सोचती हो,
बस OWNER कि परवाह करती हो।

दुनिया कि लोग, सिर्फ़ आप से सीखे,
ख़ुद को इतनी बेहतर से खोये कैसे,

किसी को क्या मालुम आख़िर SIM का भी कुछ दिल है,

वो क्या जाने, SIM को भी जिंदगी होता है।




सब को ऐसा अहसास दिलाती हो,
कि तुम तो बस, बहुत कुशी हो,
कितने दिन ख़ुद को खोती हो?
अब बस. दिल बोलता है, आप का भी कोई हो.

2 comments:

Srikanth Reddy said...

Plz post in english also....


Cheers,
Kanth

Dikshya said...

aap ko holi ki subh kamna
aap ki sahitya yatra nirantar chalti rahe